Vidhara Mool Bracelet | Substitute of Emerald

1,100.00

  • Vidhara is useful to reduce the negative effect of Mercury (Budh Grah) and tying/wearing row Vidhara root is too difficult. So we made this beautiful and handcrafted 100% natural bracelet from beads of Vidhara Root which is easy to tye.
  • Vidhara is also helpful in diseases like ulcers, acidity, blood pressure, etc.
  • Vidhara is associated with the planet Mercury. The Mercury signifies the power of intelligence, speech, language, expression and quick thinking.
  • AyurAstroYoga’s Vidhara Bracelet gives you positive energy and positive vibes, Vidhara will help you with many diseases as mentioned above and also helps in the astrological effects of Mercury planet.
  • Bracelet Diameter: Approx 20CM
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Description

जिस प्रकार चिकित्सा के क्षेत्र में औषधीय पौधों द्वारा शारीरिक रोगों इलाज किया जाता है उसी प्रकार भारतीय प्राचीन ज्योतिष विद्या में भी वैदिक काल से अनेक सिद्ध साधक जडियो द्वारा

शारीरिक व मानसिक समस्याओ का समाधान किया जाता रहा है। इन वानस्पतिक जड़ों का संबंध हमारे ग्रहो से बताया गया है  एवं यह जड़िया ग्रह शांति प्रक्रियाओं में अन्य अनुष्ठानों की तुलना में अधिक प्रभावी साबित होती हैं

इनके शुभ प्रकार से धारण करने से वह वनस्पति अभिमंत्रित होकर अपना प्रभाव-चमत्कार कई गुना देती है एवं सम्बंधित ग्रहों को कई प्रकार से प्रसन्न करती हैं, जिससे इनके कुप्रभाव को क्षीण करके शांति प्राप्त की जा सकती है। इनका प्रभाव रत्नों के सामान अथवा रत्नों के विकल्प के रूप में किया जाता है |

विधारा, जिस का वानस्पतिक यानी लैटिन नाम आर्जीरिआ नरवोसा है, को समन्दर-का-पाटा, समुद्रशोष, घावपत्ता, वृद्धदारुक, आवेगी, छागात्री, वृष्यगन्धिका, ऋक्षगन्धा, अजांत्री, दीर्घवल्लरी आदि नामो से भी जाना जाता है। विधारा मूल का सम्बन्ध बुध ग्रह के साथ जुड़ा हुआ है

बुध बुद्धि, वाणी, भाषा, अभिव्यक्ति और त्वरित सोच की शक्ति को दर्शाता है। बुध ग्रह के कुप्रभाव से अल्सर, अपच एवं रक्त संबंधी विकार ,अल्सर, तंत्रिका रोग, अम्लता, और रक्तचाप, क्रोध , घबराहट की समस्या उत्पन्न होती है  जो व्यक्ति को अस्थिर बना देती है। विधारा मूल बुध ग्रह के सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाते हुए नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद करती  है।

विधारा मूल को  देवी दुर्गा की पूजा करके हरे रंग के कपड़े में लपेटकर दाहिनी बाजू या कलाई में बांधने से अत्यंत लाभ मिलता है अतः आपको कभी किसी हकीम लुकमान या शेख सुलेमान के पास जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

विधारा मूल के ब्रेसलेट धारण से शारीरिक दुर्बलता और यौन कमजोरी में रामबाण औषधि समान लाभ मिलते है। चूँकि विधारा जड़ी जो की अपने मूल रूप में होती है उसे बांधना सामान्य रूप से कठिन होता है ,इसके लिए परम्परागत पीढ़ी से प्राप्त ज्ञान के अनुसार सम्पूर्ण वैदिक प्रकिया द्वारा तैयार किया गए विधारा जड़ी से हस्तनिर्मित ब्रेसलेट भी लाभदायक है।  इसके उपयोग से संबधित अधिक जानकारी के लिए हमारे दिए गये नंबर पर संपर्क कर परामर्श प्राप्त कर सकते है |

  • यह परम्परागत पीढ़ी से प्राप्त ज्ञान द्वारा यह तैयार किया गया है
  • लाखो रुपये के मूल्य वाले राशी-रत्न व नंग में दोष  होते है, और लाखो रूपये खर्च करके राशी रत्न धारण करना हर व्यक्ति के लिए संभव नही होता अतः यह वैदिक पोधों के मूल से तैयार किये जाने वाले ब्रेसलेट में किसी तरह का दोष नहीं होता है |
  • अथर्वेद के जड़ी तंत्र में इसका उल्लेख है |
  • यह हस्त निर्मित ब्रेसलेट विधारा के मूल में से बनाया जाता है, जिसमे की सम्पूर्ण वैदिक प्रकिया व नियमो का पालन किया जाता है|
  • विधारा जड़ जो की अपने मूल रूप में होती है उसे बांधना बोहोत कठिन होता है , इसलिए यह ब्रेसलेट बनाया गया है जो की आसानी से पहना जा सकता है |
  • इस ब्रेसलेट का मूल्य भी राशी रत्नों से काफी किफ़ायती होती है |

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