Arand Mool – Eranda Mool Bracelet
₹1,100.00
- Arand Mool – Eranda Mool: It helps in reducing the negative effect of Venus (शुक्र Grah)
- Cure diseases such as Bronchial disorders.
- Arand Mool is associated with the planet Venus (Shukra).
- Shukra Grah (Venus planet) signifies love, relationships, harmony and luxuries. So Arand Mool is used to reduce the negative effect of Shukra Grah.
- Bracelet Diameter: Approx 20CM
Description
कुदरत ने वानस्पतिक जडियो के रूप में हमें का एक विशेष रूप से नवाजा हैं । वैदिक काल से ही ज्योतिष ग्रंथो में रत्न के स्थान पर जडियो को एक क्रियाशील विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया है , हमारे ऋषिमुनि भी इसे बड़े ही प्रभावी रूप से उपयोग में लाते रहे है। ग्रहों के दुषप्रभाव को शांत करने और शारीरिक बीमारियों और विकारों को दूर करने के लिए इनका उपयोग सर्वमान्य वर्णित है। इन जड़ों को विधि से धारण कर सम्बंधित क्रोधित ग्रहो को प्रसन्न व् शांत किया जा सकता हैं,जिसे स्तिथियो में तेज गति से सुधर होता है ।
भारत में ग्रह शांति अनुष्ठानों में तो जडियो का उपयोग होता ही है, हमारे पवित्र आयुर्वेद व् ज्योतिष शास्त्रों में भी यह वर्णित है कि प्रत्येक ग्रह एक जडी का प्रतीक है और सम्बंधित जड़ी धारण से उस ग्रह के प्रभावों का संतुलन आसान है।
अरंद मूल, जिसका वानस्पतिक नाम रिकिनस कम्युनस है, ज्योतिष ग्रंथो के अनुसार शुक्र ग्रह से जुड़ा हुआ है। शुक्र ग्रह प्रेम, सदभाव,करुणा, संबंध और विलासिता का प्रतीक है, इसके सकारात्मक प्रभाव से मनुष्य के जीवन खुशियों से भर जाता है। परन्तु शुक्र ग्रह के नकारात्मक प्रभावों से मनुष्य का जीवन नरक समान हो जाता है। वह दुखी वैवाहिक जीवन,शक, सम्बन्धियों से मन मुटाव , पारिवारिक क्लेश, तलाक, धन की हानि से झूझता रहता है। अरंड मूल का उपयोग शुक्र ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को कम करके सकारात्मक प्रभाव वृद्धि हेतु किया जाता है ।
अरंद मूल शुक्र के दुष्प्रभाव से होने वाली अस्थमा, ब्रोन्कियल डिसऑर्डर, खांसी, बुखार जैसी बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है। वृषभ व तुला राशियों के जातको के लिए यह चमत्कारिक रूप से प्रभावशाली है, इसे सफ़ेद कपडे में दाहिने हाथ के ऊपरी भाग में आसानी से बाँध कर धारण किया जा सकता है, बाजार में मिलने वाले मंहगे रत्नो और अस्पतालों के महगे इलाज के खर्चे से बचा जा सकता है। अधिक जानकारी लिए आप हमारे नंबर पे संपर्क कर सकते है |
इस अरंद मूल / जड़ से बने हुए ब्रेसलेट की प्रमुख विशेषताएं निम्न है|
- यह परम्परागत पीढ़ी से प्राप्त ज्ञान द्वारा यह तैयार किया गया है
- लाखो रुपये के मूल्य वाले राशी-रत्न व नंग में दोष होते है, और लाखो रूपये खर्च करके राशी रत्न धारण करना हर व्यक्ति के लिए संभव नही होता
- अतः यह वैदिक पोधों के मूल से तैयार किये जाने वाले ब्रेसलेट में किसी तरह का दोष नहीं होता है |
- अथर्वेदके जड़ी तंत्र में इसका उल्लेख है |
- यह हस्तनिर्मितब्रेसलेट अरंद के मूल में से बनाया जाता है, जिसमे की सम्पूर्ण वैदिक प्रकिया व नियमो का पालन किया जाता है |
- अरन्द मूल की जड़ जो की अपने मूल रूप में होती है उसे बांधना बोहोत कठिन होता है , इसलिए यह ब्रेसलेट बनाया गया है जो की आसानी से पहना जा सकता है |
- इस ब्रेसलेट का मूल्य भी राशी रत्नों से काफी किफ़ायती होती है |
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