Bel Mool Bracelet

1,100.00

  • Bel Mool Bracelet: It reduces the ill effect of the Sun.
  • Cure heart and spine related diseases.
  • Bel Mool is associated with the planet Sun (Surya).
  • Zodiac Sign: Leo
  • Sun signifies power, optimism, warmth, honour, success, energy and being a champion.
  • Bracelet Diameter: Approx 20CM
SKU: BEL MOOL Category:

Description

जडी हमारे लिए प्रकृति का एक अनुपम उपहार हैं। जडियो का उपयोग प्राचीन काल से ही ज्योतिष के अनुसार रत्न के स्थान पर एक विकल्प के रूप में बड़े ही प्रभावी रूप से किया जा रहा है। इन्हे  ग्रहों के दुषप्रभाव को शांत करने और शारीरिक बीमारियों और विकारों को दूर करने के लिए इनका उपयोग सर्वमान्य सिद्ध हो चुका है। इन जड़ों को धारण करने से ग्रह कई प्रकार से प्रसन्न होते हैं, जिससे क्रमिक परिवर्तन और शांति होती है। ग्रह शांति प्रक्रियाओं में जडी अन्य अनुष्ठानों की तुलना में अधिक प्रभावी साबित होती हैं। शास्त्रों और वेदो में यह माना गया है कि प्रत्येक ग्रह एक जडी का प्रतीक है और सम्बंधित जड़ी धारण  उस ग्रह के प्रभावों को संतुलित किया जा सकता है।

बेल , जिसे आमतौर पर संस्कृत में बिल्व या श्रीपाद (शिव का वृक्ष) एवं वानस्पतिक नाम एगेल मारमेलोस के रूप में जाना जाता है, भारत में एक महत्वपूर्ण औषधीय वृक्ष है। बेल के पेड़ हमारे  लिए स्वदेशी हैं और हिमालयी क्षेत्रों, बंगाल, मध्य और दक्षिण भारत में बहुतायत में पाए जाते हैं।

बेल को सूर्यदेव और सिंह राशि के साथ जुड़ा हुआ माना गया है। सूर्य ग्रह  हमेशा से ही  सकारात्मकता, ऊर्जा, आशा, आत्म सम्मान, सफलता और विजय का प्रतीक है। साथ ही यह कहना भी अतिश्योक्ति  नहीं की सूर्य के नकारात्मक प्रभाव से ऊर्जा की कमी, अभिमान, शारीरिक व मानसिक शिथिलता , भ्रामक विचार, अकारण चिन्ता आदि  भयंकर विकार उपजते हैं। बेलमूल का उपयोग सूर्य के सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाते हुए नकारात्मक प्रभावों एवं गंभीर बीमारियों को कम करने के लिए किया जाता है

महंगे रत्न माणिक्य (माणक ) के स्थान पर बेल जड़ का उपयोग कर सकते हैं।  सभी लोग विशेष कर सिंह राशि के जातको द्वारा इसे गंगा जल से शुद्ध कर , सूर्य महा मंत्र का जाप करते हुए , गुलाबी रंग के सूती कपड़े या धागे से दाहिने हाथ के ऊपरी भाग में आसानी से बाँध कर ग्रहण किया जाता है।

बेलमूल धारण करने से सूर्य के दुष्प्रभाव से होने वाली लम्बी बीमारियों में अत्यंत लाभ मिलता है। ह्रदय रोग , रीढ़ से संबंधित बीमारियों, अपच, थकान आदि  रोगो में बेल मूल रामबाण के रूप में सिद्ध हुई है। बेल मूल उपयोग से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए आप हमसे परामर्श कर सकते है |

 

इस बेल मूल / जड़ से बने हुए ब्रेसलेट की प्रमुख विशेषताएं निम्न है|

  • यह परम्परागत पीढ़ी से प्राप्त ज्ञान द्वारा यह तैयार किया गया है
  • लाखो रुपये के मूल्य वाले राशी-रत्न व नंग में दोष  होते है, और लाखो रूपये खर्च करके राशी रत्न धारण करना हर व्यक्ति के लिए संभव नही होता अतः यह वैदिक पोधों के मूल से तैयार किये जाने वाले ब्रेसलेट में किसी तरह का दोष नहीं होता है
  • अथर्वेदके जड़ी तंत्र में इसका उल्लेख है
  • यह हस्त निर्मित ब्रेसलेट बेल के मूल में से बनाया जाता है, जिसमे की सम्पूर्ण वैदिक प्रकिया व नियमो का पालन किया जाता है
  • बेल कीयह जड़ जो की अपने मूल रूप में होती है उसे बांधना बोहोत कठिन होता है, इसलिए यह ब्रेसलेट बनाया गया है जो की आसानी से पहना जा सकता है |
  • इस ब्रेसलेट का मूल्य भी राशी रत्नों से काफी किफ़ायती होती है |

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